शायरी मेरी कलम से !!
Amateur Shayar :)
Monday 24 March 2014
क्यूँ उलझनो में उलझा हूँ .......
क्यूँ बेवज़ह उलझनो में उलझ जाता हूँ,
ना चाहते हुए क्यूँ मुश्किलों में पड़ जाता हूँ।
शायद रब ने लिखी है किस्मत कांच के टुकड़ों पर,
इसलिए हर बार टूट कर बिखर जाता हूँ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment