शायरी मेरी कलम से !!
Amateur Shayar :)
Monday 25 September 2017
यूँ तो हज़ारों मिले
यूँ तो हज़ारों मिले राहोँ में हमें ,
पर तुमसा न मिला उन हज़ारों में कहीं।
ढूंढ़ता रहा सितारों कि चादर में तुम्हे,
पर तुमसा सितारा न मिला कहीं।
वक़्त,करवट लेगा ये पता था हमें ,
पर तुम्हारे आने से वक़्त थम सा गया कहीं।
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