शायरी मेरी कलम से !!
Amateur Shayar :)
Thursday 9 July 2015
दिल को समझा नही पाया...
क्यों इन बातों कि गहराई समझ नही पाया ,
क्यों इन हवाओँ का रुख बदल नही पाया।
समझाया था बहुत ज़माने ने हमें ,
क्यों मैं दिल को समझा नही पाया।
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