Sunday 19 July 2020

गिर कर संभलना..

मंज़िल और सफर अब एक सपना लगता है, 

इस सफर में हर राही से डर लगता है। 

इन डगमगाती डगर से तुम न डरना अब ,क्यूँकि 

गिर कर संभलना और मंजिल तक पहुंचना अब अच्छा लगता है। 



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